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Depression Symptoms: आज के समय में युवा से लेकर बच्चे तक डिप्रेशन का शिकार हो रहे है। ऐसे में अगर आपके बच्चे में भी डिप्रेशन के संकेत दिखाई दे रहें हैं तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं।
Depression Symptoms: आज के समय में युवा ही नहीं बल्कि बच्चे भी डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं। ये बीमारी तेजी से बढ़ती हुई नजर आ रही है। एक सर्वे में पाया गया कि भारत में 10 प्रतिशत से ज्यादा लोग मेंटल हेल्थ की समस्या से जूझ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात ये है कि ये बीमारी बच्चों में भी देखा जा रहा है।
ये इसलिए भी परेशान करने वाली बात है क्योंकि बच्चे कभी भी अपनी बात खुलकर नहीं कह पाते हैं। बच्चा हो या किशोर डिप्रेशन के गंभीर लक्षण किसी के हेल्थ के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। आज के समय में डिप्रेशन और चिंता का कारण सोशल मीडिया का उपयोग और स्कूल का स्ट्रेस आदि हो सकता है। आइए जानते हैं कि इसके क्या-क्या संकेत हो सकते हैं?
Depression Symptoms, निराशा
अगर कोई बच्चा या किशोर लगातार निराश रहता है या फिर वह लगातार स्ट्रेस में दिखाई दे रहा है, तो यह डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। ऐसे में आप उससे बात करने की कोशिश करें .या फिर डॉक्टर के ले जाएं।
चिड़चिड़ापन
अगर आपका बच्चा हर समय बहुत ज्यादा चिड़चिड़ा महसूस कर रहा है और लोगों पर गुस्सा भी करता है। ये बहुत लंबे समय तक बना रहता है, तो यह निश्चित रूप से सामान्य नहीं है। हो सकता है कि वह डिप्रेशन से जूझ रहा हो।
सिर दर्द
डिप्रेशन और चिंता दोनों ही शारीरिक समस्याओं जैसे कि पेट दर्द और सिर दर्द को बढ़ा सकता है। अपने बच्चे में इन लक्षणों को नोट करें और किसी डॉक्टर के पास उसे लेकर जाएं।
मूड में बदलाव
बच्चों और किशोरों में मूड स्विंग होना कोई आम बात नहीं है। कुछ चीजों को लेकर जिद्दी होना आम बात है, लेकिन अगर कोई बच्चा गंभीर और लगातार मूड स्विंग का सामना कर रहा है, तो इसका कारण कुछ और या फिर डिप्रेशन हो सकता है।
पेट का दर्द
डिप्रेशन या चिंता के लक्षणों में एक अनोखा लक्षण पेट दर्द भी हो सकता है। आमतौर पर जब बच्चे को पेट दर्द होता है, तो माता-पिता केवल शारीरिक हैं, लेकिन कई बार ये डिप्रेशन के संकेत भी होते हैं। ऐसा होने पर आप उन्हें तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
डिप्रेशन के लक्षण: बच्चों और युवाओं में कैसे पहचानें?
1. शारीरिक लक्षण
थकान और कमजोरी: बिना किसी खास मेहनत के भी थका हुआ महसूस करना।
भूख में बदलाव: अधिक खाने की आदत या भूख बिल्कुल कम हो जाना।
नींद संबंधी समस्याएं: नींद न आना (अनिद्रा) या बहुत ज्यादा सोना।
शरीर में दर्द: सिरदर्द, पेटदर्द, या मांसपेशियों में दर्द, जिसका कोई चिकित्सीय कारण न हो।
2. भावनात्मक लक्षण
लगातार उदासी: लंबे समय तक उदासी या खालीपन महसूस करना।
आत्मविश्वास की कमी: खुद को नकारात्मक रूप से देखना और अपनी क्षमताओं पर संदेह करना।
चिड़चिड़ापन: छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या परेशान होना।
बेबसी का एहसास: ऐसा महसूस होना कि जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो सकता।
3. व्यवहारिक लक्षण
आत्महत्या का विचार: बार-बार मौत या आत्महत्या के बारे में सोचना।
सामाजिक अलगाव: दोस्तों और परिवार से दूर रहना।
पढ़ाई या काम में रुचि की कमी: जिन चीज़ों में पहले रुचि होती थी, उनमें दिलचस्पी खत्म हो जाना।
लत की समस्या: शराब, सिगरेट, या अन्य मादक पदार्थों का सेवन।
4. बच्चों में खास संकेत
स्कूल प्रदर्शन में गिरावट: पढ़ाई में ध्यान न लगाना और खराब ग्रेड्स आना।
अत्यधिक रोना: छोटी-छोटी बातों पर रोना या बेहद संवेदनशील हो जाना।
सामाजिक दबाव: दोस्तों के साथ न घुलना-मिलना।
डर या फोबिया: रात में अकेले सोने से डरना या अंधेरे का डर।
डिप्रेशन के खतरे और प्रभाव
Depression Symptoms: डिप्रेशन यदि लंबे समय तक बना रहता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके गंभीर प्रभावों में आत्महत्या का खतरा, शारीरिक बीमारियां (डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर), और रिश्तों में दरार शामिल हैं।
डिप्रेशन से बचाव के उपाय
1. मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें: अपनी भावनाओं को परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें।
2. नियमित व्यायाम: योग और मेडिटेशन करें। यह तनाव कम करने में मदद करता है।
3. संतुलित आहार: फल, सब्जियां, और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन करें।
4. नींद का ध्यान रखें: हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
5. मनोचिकित्सक से परामर्श लें: यदि लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो विशेषज्ञ से सलाह लें।
नोट: Depression Symptoms: डिप्रेशन एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे सही समय पर पहचानकर और उचित उपाय अपनाकर नियंत्रित किया जा सकता है। बच्चों और युवाओं में डिप्रेशन के लक्षणों को अनदेखा न करें। परिवार और समाज का सहयोग मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सबसे बड़ा योगदान देता है