Importance of Jaggery in Winters: सेहत के लिए फायदेमंद सुपरफूड

Table of Contents

Importance of Jaggery in Winters: भारत में स्वस्थ जीवन परंपरा की नींव बहुत गहरी है। आयुर्वेद के मुताबिक, हमारी रसोई में मौजूद सभी मसाले और हर्ब्स कई मर्जों की दवा हैं। इसी तरह सर्दियों में लगभग हर इंडियन किचन में गुड़ मिल जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। इसलिए इसे सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है।

गुड़ सिर्फ एक औषधीय चीज या मिठाई से कहीं ज्यादा है। यह सदियों से चली आ रही भारतीय भोजन पद्धति का सार है। अमेरिकन केमिस्ट अल्बर्ट सी. बार्न्स ने अपनी किताब ‘एग्रीकल्चर ऑफ द शुगरकेन’ में लिखा है कि लगभग 600 ईसा पूर्व के आसपास गन्ना मलय प्रायद्वीप और बर्मा से भारतीय उपमहाद्वीप में आया था। यहां गुड़ का उत्पादन लगभग तब से ही हो रहा है। मौजूदा वक्त में पूरी दुनिया का 70% गुड़ भारत में बनता है।

Importance of Jaggery in Winters

गुड़ खाने से एनर्जी लेवल बढ़ता है। इसमें कई जरूरी विटामिन्स के साथ आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे महत्वपूर्ण मिनरल्स भी होते हैं। यह एनीमिया के जोखिम से बचाता है और जोड़ों के दर्द के लिए बेहद फायदेमंद है।

इसलिए आज ‘सर्दियों के सुपरफूड’ सीरीज में बात करेंगे गुड़ की। साथ ही जानेंगे कि-

  • गुड़ की न्यूट्रिशनल वैल्यू क्या होती है? 
  • इससे किन बीमारियों का जोखिम कम होता है? 
  • किन लोगों को गुड़ नहीं खाना चाहिए?

गुड़ की न्यूट्रिशनल वैल्यू क्या है?

इसमें शुगर सुक्रोज और फ्रुक्टोज के रूप में होता है। इसलिए इसका स्वाद मीठा होता है और खाने से तुरंत एनर्जी मिलती है। गुड़ में शरीर के लिए जरूरी विटामिन A, C और E होते हैं। इसमें आयरन समेत कई जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। ग्राफिक में देखिए:

Importance of Jaggery in Winters: गुड़ खाना सेहत के लिए फायदेमंद

भारतीय भोजन पद्धति में खाने के बाद एक टुकड़ा गुड़ खाना एक रिवाज सा रहा है। अब यह हमारे बीच में इस कदर रच-बस गया है कि जो लोग मीठा नहीं खाते हैं, वे भी गुड़ खाने से इनकार नहीं करते हैं।

इससे भोजन के पाचन में मदद मिलती है। यह लिवर और ब्लड को डिटॉक्स करने में भी मदद करता है। इसकी खास बात ये है कि यह लंग्स और ब्रॉन्कियल इन्फेक्शन से बचाता है। इसलिए अगर रोज गुड़ खा रहे हैं तो रेस्पिरेटरी डिजीज का जोखिम कम होता है।

Importance of Jaggery in Winters: क्या चीनी से बेहतर विकल्प है गुड़?

जवाब: हां, गुड़ खाना चीनी की तुलना में थोड़ा बेहतर विकल्प है। हालांकि गुड़ भी एक तरह का शुगर है। इसमें भी फ्रुक्टोज और ग्लूकोज होता है तो ज्यादा गुड़ खाने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।

सवाल: क्या डायबिटिक लोग गुड़ खा सकते हैं?

जवाब: डायबिटिक लोगों को खाने में लो ग्लाइसेमिक फूड शामिल करने की सलाह दी जाती है। गुड़ एक हाई ग्लाइसेमिक फूड है। इसलिए डायबिटिक लोगों को गुड़ खाने से बचना चाहिए या फिर बहुत कम मात्रा में खाना चाहिए।

सवाल: क्या गुड़ खाने से वजन बढ़ता है?

Importance of Jaggery in Winters: हां, ज्यादा गुड़ खाने से वजन बढ़ सकता है। लोग गुड़ को नेचुरल शुगर मानकर खाते हैं और उन्हें ये लगता है कि इससे उनका डाइट प्लान नहीं डिस्टर्ब होगा। जबकि सच ये है कि ज्यादा गुड़ खाने से वजन बढ़ सकता है। गुड़ में प्रोटीन और फैट के साथ फ्रुक्टोज और ग्लूकोज भी होता है। 100 ग्राम गुड़ में लगभग 383 कैलोरी होती हैं। इसलिए गुड़ खाने से पहले लिमिट का भी ध्यान रखें।

सवाल: क्या किसी भी दवा के साथ गुड़ खाना सुरक्षित है?

जवाब: आमतौर पर गुड़ और दवाओं के बीच रिएक्शन की कोई रिपोर्ट नहीं दर्ज की गई है। लेकिन आपको इसे लेकर शंका है तो एक बार डॉक्टर से कंसल्ट कर लेना चाहिए।

सवाल: क्या पीरियड्स में गुड़ खाने से समस्या हो सकती है?

जवाब: नहीं, ये सच नहीं है। सच ये है कि गुड़ खाने से मेंस्ट्रुअल साइकल के रेगुलेशन में मदद मिलती है। इससे पीरियड्स के दर्द और क्रैंप्स से भी राहत मिलती है।

सवाल: क्या प्रेग्नेंसी के दौरान गुड़ खा सकते हैं?

जवाब: हां, बिल्कुल खा सकते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अक्सर मीठा खाने की क्रेविंग होती है। ऐसे में गुड़ एक हेल्दी विकल्प हो सकता है। गुड़ हॉर्मोनल बैलेंस में भी मददगार होता है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान हुई सूजन और दर्द में भी राहत मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में आयरन होता है। यह प्रेग्नेंसी के दौरान हेल्दी ब्लड सेल्स के लिए बहुत जरूरी है।

गुड़ में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। यह ब्लड को प्यूरीफाई करके संक्रमण से बचाता है। इसके अलावा यह बोन हेल्थ के लिए भी लाभदायक है।

सवाल: क्या गुड़ खाने से इन्फेक्शन हो सकता है?

जवाब: हां, गुड़ खााने से परजीवी (Parasite) संक्रमण हो सकता है। अगर गुड़ तैयार करते समय साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखा गया है तो इससे आंतों में परजीवी का जोखिम बढ़ सकता है। आमतौर पर गुड़ गांवों में बहुत साफ-सफाई के साथ नहीं बनाया जाता है तो इसमें जर्म्स हो सकते हैं। इसलिए कुछ लोगों को गुड़ खाने से संक्रमण हो सकता है।

गुड़ में खुद भी जीवाणुरोधी गुण होते हैं इसलिए इससे संक्रमण के मामले बहुत कम सामने आते हैं।

सवाल: क्या गुड़ खाने से नोज ब्लीडिंग हो सकती है?

जवाब: आयुर्वेद के मुताबिक, गुड़ की तासीर गर्म होती है। इसलिए गर्मियों में ज्यादा गुड़ खाने से मना किया जाता है। गर्मियों में गुड़ खाने से नोज ब्लीडिंग हो सकती है। इससे पेट में जलन हो सकती है और कॉन्स्टिपेशन की समस्या भी हो सकती है।

सवाल: क्या गुड़ खाने से दांत खराब हो जाते हैं?

जवाब: हां, अन्य शुगर की तरह गुड़ खाने से टूथ डिके हो सकता है और इससे कैविटी हो सकती है। अगर गुड़ खाने के बाद अच्छे दांत साफ कर लिए जाएं तो ऐसी किसी भी समस्या से बच सकते हैं। अगर रात में गुड़ खा रहे हैं तो ब्रश करके सोना चाहिए।

सवाल: क्या गुड़ खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं?

Importance of Jaggery in Winters: हां, गुड़ हाई कैलोरी फूड है। इससे वजन बढ़ सकता है। अगर डायबिटीज है तो ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है। कुछ मामलों में गुड़ खाने से अपच, डायरिया और कब्ज की समस्या हो सकती है। इससे दांतों में सड़न और कैविटी भी हो सकती है। जो लोग शुगर सेंसिटिव हैं, उन्हें एलर्जिक रिएक्शन हो सकते हैं।

सवाल: किन लोगों को गुड़ नहीं खाना चाहिए?

जवाब: इन लोगों को गुड़ नहीं खाना चाहिए:

  • जो लोग डायबिटिक हैं या जिनका ब्लड शुगर सामान्य से ज्यादा रहता है। 
  • जो लोग वेट कम करने की कोशिश कर रहे हैं। 
  • जिनके दातों में सड़न या कैविटी है। 
  • जो लोग शुगर सेंसिटिव हैं।

अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले, कृपया चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें। Gyan Ki Dhara  इसकी पुष्टि नहीं करता है।


You May Also Like

More From Author