बच्चों में मोबाइल की लत: प्रेमानंद महाराज के विचार

बच्चों में मोबाइल की लत: प्रेमानंद महाराज ने बच्चों में बढ़ती मोबाइल की लत को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें कहीं हैं, जिनका पालन करने से बच्चों को इस लत से बचाया जा सकता है और उनका मानसिक व शारीरिक विकास सही दिशा में हो सकता है। उनके अनुसार, बच्चों का अधिक समय मोबाइल पर बिताना उनकी मानसिकता, शिक्षा, और सामाजिक जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालता है

बच्चों में मोबाइल की लत:

बच्चों को बाहर खेलने के लिए प्रेरित करें

महाराज कहते हैं कि बच्चों को मोबाइल से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका है कि उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बाहर खेलकूद से न केवल उनकी शारीरिक सेहत अच्छी रहती है बल्कि उनका मानसिक विकास भी होता है।

बच्चों में मोबाइल की लत: समय की सीमा तय करें

मोबाइल उपयोग पर समय की सीमा तय करना बहुत जरूरी है। प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि बच्चों को दिन में अधिकतम एक घंटे ही मोबाइल का उपयोग करने दें। इससे वे अन्य गतिविधियों में भी रुचि ले सकेंगे और उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर नहीं पड़ेगा।

परिवार के साथ समय बिताना जरूरी

बच्चों को मोबाइल की लत से बचाने का एक तरीका है कि परिवार के सभी सदस्य एक साथ समय बिताएं। महाराज कहते हैं कि पारिवारिक समय के दौरान मोबाइल का उपयोग नहीं करना चाहिए, ताकि बच्चों को यह महसूस हो कि वास्तविक जीवन में लोगों के साथ जुड़ना मोबाइल से ज्यादा जरूरी और सुखद है।

बच्चों को अन्य गतिविधियों में व्यस्त रखें

प्रेमानंद महाराज का मानना है कि मोबाइल का शैक्षिक उपयोग बच्चों के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसके लिए माता-पिता को उनकी गतिविधियों पर नजर रखनी होगी। बच्चों को मोबाइल का सही उद्देश्य सिखाना चाहिए ताकि वे केवल मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि कुछ सीखने के लिए इसका उपयोग करें।

बच्चों के लिए सकारात्मक आदर्श प्रस्तुत करें

बच्चों के सामने एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत करना आवश्यक है। अगर माता-पिता स्वयं मोबाइल का अत्यधिक उपयोग करते हैं, तो बच्चे भी वैसा ही करेंगे। इसलिए माता-पिता को भी मोबाइल का सीमित उपयोग करना चाहिए

मोबाइल का शैक्षिक उपयोग सिखाएं

महाराज का कहना है कि बच्चों को पढ़ाई, खेलकूद, संगीत, कला आदि में व्यस्त रखना चाहिए, ताकि उन्हें मोबाइल का उपयोग करने का समय ही न मिले। बच्चों के शौक को पहचानकर उसे बढ़ावा देना चाहिए, ताकि उनकी रचनात्मकता में भी बढ़ोतरी हो।

आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दें

बच्चों में मोबाइल की लत: प्रेमानंद महाराज का कहना है कि बच्चों को शुरू से ही नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा देनी चाहिए। इससे वे जीवन की वास्तविकता और मोबाइल की आभासी दुनिया के अंतर को समझ पाएंगे।

सप्ताह में ‘नो मोबाइल डे’ लागू करें

बच्चों को सप्ताह में एक दिन बिना मोबाइल के रहने की आदत डालें। इस दिन को ‘नो मोबाइल डे’ घोषित करें और इस दिन का उपयोग परिवार के साथ बिताने, यात्रा पर जाने या मनोरंजक गतिविधियों में लगने में करें।

बच्चों में मोबाइल की लत: इन सुझावों का पालन करके प्रेमानंद महाराज बच्चों को मोबाइल की लत से दूर रखने की सलाह देते हैं। यह उनके शारीरिक, मानसिक, और नैतिक विकास के लिए अत्यंत लाभकारी है।

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