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Rock Salt: Excessive Use, थकान और धड़कन बढ़ने वजन असंतुलित होने और डिप्रेशन के पीछे शरीर में थायराइड विकार भी हो सकता है। भारत में सवा चार करोड़ से ज्यादा लोग थायराइड असंतुलन का सामना कर रहे हैं जिसके पीछे आयोडीन की कमी अव्यवस्थित खानपान और तनाव जैसे कारण प्रमुख हैं। ऐसे में मेदांता अस्पताल गुरुग्राम में सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ. आकांक्षा रस्तोगी बता रही हैं बचाव के जरूरी उपायों के बारे में।
Rock Salt: Excessive Use
- इन दिनों हाइपोथायराइडिज्म के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।
- खासकर महिलाओं में इसका खतरा ज्यादा होता है।
- इस बीमारी के पीछे कई सारे कारण हो सकते हैं।
थायराइड विकार यानी शरीर में थायराइड हार्मोन की कमी (हाइपोथायराइडिज्म), थायराइड की अधिकता (हाइपरथायराइडिज्म), थायराइड गांठ और थायराइड कैंसर की समस्या देश में लगातार बढ़ रही है। खासकर, पर्याप्त मात्रा में थायराइड हार्मोन न बनने से शरीर में थकान, वजन बढ़ने और डिप्रेशन जैसी समस्याएं देखी जाती हैं। वहीं, जिन लोगों में थायराइड हार्मोन की अधिकता होती हैं, उनमें हृदय की धड़कन बढ़ने, चिड़चिड़ापन और वजन में गिरावट जैसे परेशानियां सामने आती हैं।
थायराइड की कमी से जुड़ी समस्याएं:
Rock Salt: Excessive Use, थायराइड ग्रंथि शरीर में थायराइड हार्मोन का निर्माण करती है। आमतौर पर, लोगों में थायराइड हार्मोन की कमी देखी जाती है। कुछ मामलों में शरीर में जरूरत से ज्यादा थायराइड हार्मोन बनने लगता है। दोनों ही स्थिति में अलग-अलग लक्षण होते हैं। जिन्हें थायराइड की कमी होती है, खासकर बच्चों में वजन बढ़ने, पर्याप्त विकास नहीं होने और लंबाई रुकने जैसी परेशानी हो जाती है। ऐसे बच्चों के मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी प्रभावित होती है। महिलाओं में हाइपोथायराइडिज्म आमतौर पर ज्यादा देखा जाता है।
इसलिए, गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों की थायराइड की अनिवार्य रूप से जांच होनी चाहिए। वयस्कों में इसके लक्षणों की बात करें तो हमेशा थकान महसूस होने, वजन बढ़ने, चेहरे पर सूजन, शरीर में दर्द और ठंड अधिक महसूस जैसी समस्याएं होती हैं। साथ ही, बालों और त्वचा में रुखापन आ जाता है। महिलाओं में कई बार गर्भधारण से जुड़ी परेशानी बढ़ जाती हैं। इससे हृदय की कार्यप्रणाली पर भी प्रभाव पड़ता है और हृदयगति थोड़ी धीमी हो जाती है।
ज्यादा सेंधा नमक खाने से खतरा:
आजकल देखा जा रहा है कि लोग सेंधा नमक का अधिक सेवन करने लगे हैं, खासकर जिन्हें हाइपरटेंशन की समस्याहै। दरअसल, सेंधा नमक खाने की वजह से शरीर को आयोडीन नहीं मिल पाता। शरीर में आयोडीन पहुंचने का एक ही माध्यम है- आयोडीन युक्त नमक। हमें समझना होगा कि अगर शरीर को पर्याप्त आयोडीन नहीं मिलेगा तो थायराइड हार्मोन का निर्माण कम हो जाएगा और थायराइड ग्रंथि सही से काम नहीं करेगी। इसलिए, आयोडीन युक्त नमक के सेवन में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
थायराइड की अधिकता से समस्याएं:
Rock Salt: Excessive Use, जिन लोगों के शरीर में थायराइड अधिक बनता है, उन्हें दूसरे तरह की समस्या होती है, जैसे उनका शरीर बहुत दुबला-पतला हो जाता है, भूख अधिक लगती है, फिर भी वजन कम रहता है। ऐसे लोगों को थकान, डायरिया की समस्या, धड़कन बढ़ने, घबराहट, गर्मी बर्दाश्त नहीं कर पाने, आंखों की परेशानी और महिलाओं में मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं आ सकती हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर चिकित्सक से जरूर मिलना चाहिए और थायराइड की जांच करा लेनी चाहिए। यह एक सामान्य तरह की रक्त जांच होती है।
आनुवांशिक कारण भी हो सकते हैं जिम्मेदार:
कुछ लोगों में यह समस्या आनुवंशिक कारणों से भी हो सकती है, इसलिए गर्भधारण के दौरान थायराइड की जांच जरूर करा लेनी चाहिए। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि माता-पिता में थायराइड विकार रहा है तो बच्चे में भी होगा ही। जिन परिवारों में आटोइम्युनिटी की समस्या रही है, उनमें यह समस्या होने की आशंका रहती है।
बीमारियों के कारण भी थायराइड विकार:
हाइपोथायराडिज्म होने के पीछे कई बीमारियों की भी भूमिका होती है। कैंसर आदि बीमारियों से भी यह हो सकता है। जिन्हें थायराइड की समस्या चिह्नित हो चुकी है, उन्हें खान-पान में थोड़ा सावधान रहना चाहिए। सबसे पहले तो ऐसे लोगों को आयोडीन युक्त नमक का पर्याप्त सेवन करना चाहिए। सेंधा नमक का सेवन ठीक है, पर इस रोज नहीं खाया जा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान
- अगर वजन बढ़ रहा है, तो उसे नियंत्रित करने का प्रयास करना चाहिए।
- अपनी जीवनशैली में सक्रियता रखनी चाहिए, रोजाना टहलने और व्यायाम के लिए समय जरूर निकालना चाहिए।
- खानपान में पौष्टिकता का ध्यान रखना चाहिए।
- गोभी, ब्रोकली, चाप (सोयाबीन) के सेवन में थोड़ा सावधानी बरतनी चाहिए, इससे थायराइड प्रभावित होता है।
- कब्ज की समस्या हो रही है तो भोजन में सलाद, फलों और सब्जियों की मात्रा बढ़ा देनी चाहिए।
- थायराइड के साथ कोलेस्ट्राल होने की आशंका रहती है। ऐसे लोगों को तला-भुना खाने से परहेज करना चाहिए।
- तनाव मुक्त जीवनशैली जीने का अभ्यास करना चाहिए, इससे काफी लाभ होता है।
अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। इसे अपनाने से पहले, कृपया चिकित्सकीय सलाह अवश्य लें। Gyan Ki Dhara इसकी पुष्टि नहीं करता है।